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Friday, November 23, 2018

RBI vs केंद्र: न जीत न हार, यूं होता है फैसला

आरबीआई गवर्नर वाई.वी.रेड्डी द्वारा 12 जनवरी, 2005 को अपने भाषण में संशोधन एक अभूतपूर्व कदम था, लेकिन इसी तरह वह अपनी मौद्रिक अधिकारों की रक्षा करता है, वित्तीय समाधान का सुझाव देता है और दूसरे की स्वायत्तता का उल्लंघन करता है। इस तरह, केंद्र सरकार और केंद्रीय बैंक अपनी-अपनी भूमिका अदा करते हैं।

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